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कविता - भारती हु -- Author Pawan Singh

कविता – भारती हु.....।

में खुशियां मना रहा हु ,
  बेरोजगारी का
गरीबी का
 भुखमरी का
 समाज के साथ हो रहे भेदभावों का,
में इन सब खुशियों का पार्थी हु
में क्या बोलू जनाब
 में तो भारती हु।

बुराइया हमारी है
लेकिन सरकार इसको मिटाये ...2
कानून, लोकतंत्र , सँविधान द्वारा थोडा चमत्कार करके दिखाए
में भारत का नागरिक हु
ओर में ही इस अधर्म का सारथी हु
में क्या बोलू जनाब
में तो भारती हु

लेकिन समाज अब एक हो रहा है ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई अब भाई- भाई हो रहा है..2
इन कृतियों का सिर काटने वाला
में ही दुराती  हु
में क्या बोलू जनाब
में तो भारती हु
©
Author Pawan Singh Sikarwar

Happy republic day all of you 
Love always make good society
 good society always make good government
Good Government always make good country




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