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Showing posts from May, 2019

माना मै पुराने ख्यालातों का हूँ by Nitesh chauhan

माना मै पुराने ख्यालातों का हूँ लेकिन लड़कियों की इच्छाओं और अधिकारों की इज्जत करता हूँ माना समझ नही आते मुझे आजके गाने क्योंकि मै लता,  और किशोर दा के गानों पर मरता हूँ हो सकता है मै चुप रहू जब मेरी मम्मी तुम्हे बिना गलती के डांट दे, इसलिये मै उस चुप्पी की पहले ही, तुमसे माफी मांगता हूं हो सकता है रोक टोक करू मै भी, क्योंकि मै एक साथी की,  अहमियत जानता हूँ    हो सकता है सुबह चाय, की जिद्द करू मै तुमसे लेकिन तुम्हारी शाम की  कॉफी मै बना दिया करूँगा हो सकता मुझे समय ना मिले दिन भर तुम्हारे साथ वक्त बिताने का, लेकिन रात को तुम्हारे बालो  को  सहलाते हुए लोरी मै सुना दिया करूँगा हो सकता है हमारी बहस हो  सलमान और शाहरुख पर, कांग्रेस और बीजेपी पर, लेकिन इन छोटी टकरारो की विजयिनी तुम ही रहोगी हो सकता है मै पूजा करू देवियों की लेकिन मेरी प्रेम यादों की देवी तुम ही बनोगी मै मानता हूं कि मै नरम जज्बात का हूँ क्योंकि हां मै पुराने ख्यालात का हूँ