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Showing posts from February, 2018

कविता - देखो तुमने अपने हुस्न से क्या क्या पा लिया

कविता – देखो तुमने अपने हुस्न से क्या क्या पा लिया । इश्क़ का मुकद्दर इतिहास लिख गया वफ़ा में बेबफाई करने का हुनर सिख गया आशिको ने समझाया मत कर इश्क़ लेकिन कर उनको नजरअंदाज  उस बाजार में , मै भी बिक गया । तुम्हारे लिए देखो  मेने भी आग के दरिये में खुद को जला लिया देखो तुमने अपने हुस्न से आज क्या क्या पा लिया । जो अपनी माँ तक कि नही सुनता था वो तुम्हे घण्टों सुनने लगा ... दर्द – ए - इश्क़ के आलम में खुद ही घुटने लगा.... लोगो से कहता फिरता था ये ही है सच्ची मोहब्बत ओर आज उसी मोहब्बत में दर्द ढूंढने लगा.... जो गलती करने पर भी माफ़ी नही मांगता था वो तुमसे बिन गलती माफ़ी भी मांगने लगा ... और लगा कुछ गलत हो रहा है, तो इस दिल ने मेरे दिमाग को भी समझा लिया  देखो तुमने अपने हुस्न से आज क्या क्या पा लिया । मोहब्बत और मौत, हे दोनों एक जैसी ही दोनों ही तुम्हे तुम्हारे अपनो से दूर कर देती है। ये हुस्न की परिया तुम्हे इश्क़ में मगरूर कर देती है। में तो कहता हूं करो इश्क़, पर सच्चा नही वादे भी करो , पर पक्का नही माँ, पापा हो या कोई ओर जिसने भी मना किया सभी को मेने तेरे लिये

कविता - अगर बात निकली है तो बोहोत दूर तक जाएगी wrote by Author Pawan Singh

कविता – अगर बात निकली है तो बोहोत दूर तक जाएगी। राजनीति के गलियारों से राजनीति भाग गई इतिहास के पन्नो में क्रांति जाग गई योजनाए तो बोहोत सुनी लेकिन पकोड़ा योजना जैसी नही जैसा रोजगार हमे चाहिये था  ये तो वैसी नही लोकतंत्र वाली ये  नूर मुझे बड़ी भाएगी अगर बात निकली है तो बोहोत दूर तक जाएगी मेरे देश मे अंधभक्तिवाद की लहर चल रही है चार दिवारी में न्याय देने वाली आंख मीच कर सो रही है । अब पकोड़ा योजना आई है  उम्मीद की लहर बनकर  डॉक्टर इंजीनियर डिग्री वाला पकोड़ा बेच रहा है प्रधानमंत्री पकोड़ा योजना से जुड़कर। इस सरकार में सच बोलने वाले कि सामत आएगी अगर बात निकली है तो बोहोत दूर तक जाएगी ऐसी सरकार से तो हम अब आशिक़ी कर बैठे रोजगार की उम्मीद छोड़ एक सवाल कर बैठे क्या इस योजना मे भी  उन लोगो को आरक्षण मिलएगा जिंदगी की इस दौर में क्या ? जनरल यंहा भी रोएगा राजनीति इतिहास में यह योजना हमे फिर भी रुलायेगी अगर बात निकली है तो बोहोत दूर तक जाएगी बेरोजगारी को क्या बेहतरीन छुपाया है पकोड़े बेचने को भी कला बताया है यह सरकार की राजनीति नही यह तो एक छुरी थी अगर इसको ही रोजगार कह

Book - scripts EVOL - love teda hai writer by Pawan singh

Script on EVOL – love teda hai दरवाजा खुलता है ... मनीश अपने सोफे पर बैठ कर TV पर क्रिकेट का मैच देख रहा था तभी दरवाजे से उसका दोस्त अंदर आता है । तू यंहा मैच देख रहा है ? तो क्या करूँ तेरे ऊपर नाचूँ साले मेरा मतलब है कि तेरा सोनिया का क्या ड्रामा है रोज का ? बात क्यो नही कर रहा है तू उससे? ड्रामा साले ड्रामे से याद आया कि तेरी वाली केसी है ? Sixer ..... crowd noise बात मत पलट तू पहले बता क्या सीन है? सीन तो सुन ....  भाई तुझे पता लड़कियों का लड़की होना ही एक बहुत बड़ा सीन है इनके दिमाग की तू क्या भगवान भी नही समझ सकते ...तभी तो कहते है कि इन्हें तो भगवान भी नही समझ सकता इन लड़कियों को भगवान ने धरती पर भी इसलिए भेजा है कि वो चाहते है कि तुम अगर समझ जाओ तो मुझे भी बता देना। Sixer .....crowd noise लड़कियों को अगर सॉरी बोलो तो कहएगी की सॉरी मत बोलो न बेबी हम दोनों तो gf bf है सॉरी अच्छा नही लगता है लेकिन अगले दिन ही तुमने कोई भूल करदी तो बस चिल्ला कर कहएगी की तूने तो अभी तक सॉरी भी नही बोला मुझे i hate you Sixer ...noise crowd लड़का बेचारा पूरे हफ्ते पैसे इक्कठे करता है

कविता - ये तो मेरी पुरानी आदत है wrote by Author Pawan Singh

कविता – ये तो मेरी पुरानी आदत है। बात बात पर उससे रुठ जाना उसके मनाने पर भी नही मानना उसकी आँखों में देख कर कहना की में तुझे कभी नही छोड़ कर जाऊंगा लेकिन काम आने पर  उसको छोड़ भाग जाना । पता नही ये कौनसी शहादत है लेकिन ये तो मेरी पुरानी आदत है उसकी झुलफो के साथ खेलना और उसे बात बात पर चिढ़ाना प्यार की बाते करते करते एक दम से हँसना उसको रुला कर फिर हँसा देना उसकी आँखों मे ज्यादा देर तक देखते रहना और मेरी इस हरकत से उसका शर्माना पता नही ये कौनसी रुआदत है लेकिन ये तो मेरी पुरानी आदत है लेट आकर उससे माफी मांगना फ़ोन पर रात भर उसको जगाना फ़ोन रखने वाली हो तो कहना दो मिनट ओर फिर उस दो मिनट में उसे आई लव यू कहलवाना पता नही ये कौनसी इबादत है लेकिन ये तो मेरी पुरानी आदत है। Wrote by © Author Pawan Singh