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बदनामी कि दास्तान - ऑथर पवन सिकरवार

वो जानती थी कि अगर छोड़ कर चली गई तो बर्बाद हो जाऊंगा
लेकिन ये बात उसे भी पता थी कि आवारा है ये मरेगा नही
लेकिन मैंने भी बर्बादी के गीत लिख दिए
दुनिया को अपनी किस्से कहानियो से मदहोश कर दिया
बस उसके साथ पी हुई वो चाय याद आती है
उसकी डांट में छुपी वो राय याद आती है
ये बीतती शाम मानो पूछ रही हो कि वो कँहा है
क्या वो फिर रुठ गई या वो अपनी सहेली के यंहा है
क्या जबाब दु अब इन बातों का
क्या हिसाब दु इन तन्हा रातो का
चासनी सी बातों से ना जाने कितने कत्ल उसने किये है
दिल पर खंजर रख कर ना जाने कितने जख्म उसने दिए है
जिंदगी में अब भूल चुका हूं उसे और बर्बादी की तरफ निकल चुका हूं
बर्बादी को हमसफ़र चुनकर एक नए मोड़ पर निकल चुका हूँ
तभी वो उस सफर पर फिर मुझे दिखाई दी किसी दूसरे का हाँथ थामे
एक दर्द की चुभन चुभ सी गई फिर भी सोचा हाल चाल पूछ लेता हूँ
कभी तो उसने भी मुझसे प्यार किया था तो उसका उधार चुका देता हूँ
लेकिन मेरे दिल ने गवाही नही दी कहा छोड़ रास्ते पर ध्यान दे
दुनिया को अपनी बदनामी का ज्ञान दे
बता कैसे तेरी ही गलती से तुझसे वो अलग हुई थी
बता कैसे तेरी ही हरकतों से वो बोर हुई थी
वो लड़की है उसको बदनाम ना कर
तू लड़का है तुझे इस बदनामी से क्या खतरा
यही सोच कर फिर चल दिया अपने रास्ते और बदनामी का राजा बन बैठा
उस लड़की की फिर मुझपर नजर पड़ी तो वो वापस आने के लिए उसके दिल मे प्यार जग उठा
लेकिन मैंने एक ही चीज़ सीखी की प्यार का शतरंज कैसा होता है
जब तक जीतते नही तब तक कुछ मत बोलो
कभी खेल में यूँही प्यार को मत तोलो
तुम बस चुप रहो क्योकि बोलना है तो
 सह ओर मात बोलो



Comments

  1. बहुत ही खूबसूरत हादसा
    🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
    👏👏👏👏👏👏👏

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  2. Such a Great Story I have seen Stories like that on a Ahijazi website We Should Read A Story a day that really help Our Mind to Feel Stress Free

    ReplyDelete

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