Friday 8 May 2020

ब्लॉगिंग से पैसा कैसे कमाए

ब्लॉगिंग का मतलब क्या है?

अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव को एक वेबसाइट का रूप दे देना इसमें आप जिस काम मे अच्छे है वो कर सकते है जैसे की अगर आप डॉक्टर है तो हेल्थ ब्लॉग बनाना होगा।

फायदे क्या है?

1. घर बैठे कर सकते है
2. कोई नॉकरी नही है स्वतंत्र रूप से लिख सकते है
3. पैसे कमा सकते है
4. अपने आप को फेमस कर सकते है।

पैसा कैसे कमाए ?

पैसा कमाना इसमें बहुत मुश्किल है और इसमें पैसा कमाने के सिर्फ गिने चुने तरीके है जैसे गूगल adsense से पैसा कमाना

गूगल एडसेंस क्या है?

गूगल की advertisement कंपनी है जो की आपके ब्लॉग पर advertisement करेगी और उसका आपको पैसा देगी लेकिन पैसा निकाल आप 100 डॉलर होने पर ही सकते है। और 100 डॉलर करने के लिए महीने में आपके ब्लॉग को पढ़ने वालों की संख्या 5000 लोग और 50000 व्यूज होने चाहिए जो कि आसान तो बिल्कुल भी नही है कुछ लोगो का पूरा साल निकल जाता है 100 डॉलर ही कमाने में 😄

क्या ब्लॉगिंग फ्री में होती है ?

हां ओर ना भी क्योंकि फ्री के लिए आप फ्री का डोमिन ओर होस्टिंग तो ले लोगे लेकिन वो ब्लॉग किसी कबाड़ जैसा ही होगा जिसे शायद ही कोई पड़ेगा

ओर जो फ्री नही होता उसमे आपको डोमिन, होस्टिंग, theme, plugin सब खरीदना पड़ता है server का खर्चा ही है साल का 300 डॉलर यानी कि 17 या 18 हज़ार है बाकी ये सब खरीदने के लिए आपको कम से कम 30,000 हर साल खरीदने होंगे और आप कमाएंगे कितना सिर्फ 6000 रुपये तो आप समझ  चुके होंगे कि क्यो लोग ब्लॉगिंग कर तो लेते है लेकिन एक साल भी उसे चला नही पाते 😄

अब मुद्दे की बात अगर आपके पास 10000 लोग है तो आप रोजाना 10 डॉलर कमा सकते है यानी कि महीने का 300 डॉलर इससे आप अपनी ब्लॉगिंग का खर्चा एक महीने में निकाल लेंगे बाकी 10×300 = 3000 डॉलर यानी कि 2लाख 70 हज़ार रुपये आप साल का कमाने लगेंगे

बस मेरे बच्चों यही लालच तो लोगो को घसीट लाता है ब्लॉगिंग की दुनिया मे

अगर ब्लॉगिंग कर रहे हो तो मेरी तरफ से सुभकामना क्योंकि उसके अलावा में कोई और मदद नही कर सकता 😄

Monday 27 April 2020

लेखक कैसे बन गया? ऑथर पवन सिकरवार

मै एक क्राइम फिक्शन लेखक हूँ और उसी मै लिखना पसंद करता हूँ क्योंकि मेरी अपराधी सोच मेरी लिखने में मदद करती है।

कॉलेज के दूसरे साल तक तो मैने सोचा भी नही था कि मै एक लेखक बनूँगा या फिर लेखन में मेरी रुचि बढ़ेगी।

मेरी किस्से कहानियों मे आप सभी का स्वागत है जिसका पहला अध्याय है लेखक कैसे बन गया?

मुझे याद है कि स्कूल के दिनों मे किताबे पढ़ने का शौक कम ही था वरना अच्छे नम्बर आते। खैर कॉलेज में पहुंचा तो भी कोई खास बदलाव मुझमे आया नही। एक पार्ट टाइम जॉब ढूंढ ली थी और कॉलेज के बाद वंही रहता था तो पैसे की कोई दिक्कत नही होती थी मैने अपने पैसों से बाइक भी ले ली थी किश्तों पर ही सही लेकिन मेरी खुद की बाइक थी।

जब कॉलेज का आखिरी साल आया तब मैंने पहली बार शेरलॉक होम्स का जासूसी उपन्यास पढ़ा फिर उसके बाद फ़िल्म फिर उसके बाद ऑथर कॉनन डॉयल की जीवनी पढ़ी उनकी इस खास रचना का सच तो जानना ही था तो एक प्रेणा मिली ।

मुझे भी अपना खुद का उपन्यास लिखना था सिर्फ अपनी मन की तसल्ली के लिए कोई खास किताबी मकसद कभी दिमाग मे नही आया।

तीसरा अध्याय जब अपने उपन्यास का लिखा तो एक खास दोस्त से मिला उसने बताया कि मेरा जन्म लिखने के लिए हुआ है अजीब बात है मैने उसकी बात ऐसे मान ली कि मैने एक ही महीने में पूरा उपन्यास लिख दिया और 3 महीनों के अंतराल में तो मैने 6 उपन्यास लिख चुका था।

एक विचार उभर कर आया तो एक किताब भी पब्लिश करवाई उससे कमाई शुरू हुई तो पता चला कि लिखने में पैसा भी है।

Sunday 26 April 2020

बदनामी कि दास्तान - ऑथर पवन सिकरवार

वो जानती थी कि अगर छोड़ कर चली गई तो बर्बाद हो जाऊंगा
लेकिन ये बात उसे भी पता थी कि आवारा है ये मरेगा नही
लेकिन मैंने भी बर्बादी के गीत लिख दिए
दुनिया को अपनी किस्से कहानियो से मदहोश कर दिया
बस उसके साथ पी हुई वो चाय याद आती है
उसकी डांट में छुपी वो राय याद आती है
ये बीतती शाम मानो पूछ रही हो कि वो कँहा है
क्या वो फिर रुठ गई या वो अपनी सहेली के यंहा है
क्या जबाब दु अब इन बातों का
क्या हिसाब दु इन तन्हा रातो का
चासनी सी बातों से ना जाने कितने कत्ल उसने किये है
दिल पर खंजर रख कर ना जाने कितने जख्म उसने दिए है
जिंदगी में अब भूल चुका हूं उसे और बर्बादी की तरफ निकल चुका हूं
बर्बादी को हमसफ़र चुनकर एक नए मोड़ पर निकल चुका हूँ
तभी वो उस सफर पर फिर मुझे दिखाई दी किसी दूसरे का हाँथ थामे
एक दर्द की चुभन चुभ सी गई फिर भी सोचा हाल चाल पूछ लेता हूँ
कभी तो उसने भी मुझसे प्यार किया था तो उसका उधार चुका देता हूँ
लेकिन मेरे दिल ने गवाही नही दी कहा छोड़ रास्ते पर ध्यान दे
दुनिया को अपनी बदनामी का ज्ञान दे
बता कैसे तेरी ही गलती से तुझसे वो अलग हुई थी
बता कैसे तेरी ही हरकतों से वो बोर हुई थी
वो लड़की है उसको बदनाम ना कर
तू लड़का है तुझे इस बदनामी से क्या खतरा
यही सोच कर फिर चल दिया अपने रास्ते और बदनामी का राजा बन बैठा
उस लड़की की फिर मुझपर नजर पड़ी तो वो वापस आने के लिए उसके दिल मे प्यार जग उठा
लेकिन मैंने एक ही चीज़ सीखी की प्यार का शतरंज कैसा होता है
जब तक जीतते नही तब तक कुछ मत बोलो
कभी खेल में यूँही प्यार को मत तोलो
तुम बस चुप रहो क्योकि बोलना है तो
 सह ओर मात बोलो



Thursday 9 April 2020

श्रमिक को तोहफा तो दो - ऑथर पवन सिकरवार

मुझे कुछ समय दो
उस व्याध से लड़ने का
श्रमिक को तोहफा तो दो
यूँ ही लड़कर मरने का
दीप प्रज्वलित कर
सच्चाई का उजियारा फैलाना है
मुझे हिम्मत करने दो
ऐसा कुछ कर गुजरने का
श्रमिक को तोहफा तो दो
यूँ ही लड़कर मरने का
सोचा था कभी एक किसान
ताज पहन दिखाएगा
सोचा था कभी एक मजदूर
सिंहासन पर बैठ पाएगा
उसे तोहफा तो दो
ऐसे सपने देखने का
मुझे कुछ समय दो
उस व्याध से लड़ने का

ऑथर पवन सिकरवार


Thursday 6 February 2020

योग की शक्तियां - कृष्णप्रिया

योग सिद्ध होने पर योगीयो के पास कुछ सिद्धिया आती है। ये सिद्धिया असल में और कुछ नही हमारे अवचेतन मन की असीम शक्ति ही है।

हमारे मस्तिष्क के चेतन एवं अवचेतन दो प्रकार के स्मृति है। नींद में स्वप्न देखना,नींद में वच्चो का हंसना- रोना भी अवचेतन मन के बजह से होता है क्योंकि नींद में चेतन( वाह्य मन) सोया हुआ रहता है।
परंतु अवचेतन मन हर समय सक्रिय रहता है हालांकि चेतन मन के जागे रहते समय हमे उतना अनुभव नही होता। समझे आपका चेतन मन मोबाइल पर है और आप घर से टहलने को निकले फिर पार्क में टहलते हुए घर बापस आये पर आपका चेतन मन तो मोबाइल में देख रहा था फिर रास्ता कौन पहचान रहा था? ये आपका ही अवचेतन मन है जो रोज आप अभ्यास करते है , जिस रास्ते से रोज जाते है उसे सब पता होता है।

प्यार में भी कुछ ऐसा ही होता है जिसको आप बहुत ज्यादा सोचते है वो आपके अवचेतन मन में एकबार स्थान बना ले तो आप उसको मिटा नही पाते है। हालांकि चेतन मन में वसा तात्कालिक आकर्षन हम सहजता से भुला सकते है।

अव आते है इस अवचेतन मन की असीम शक्ति पर।

टेलिकिनेसिस को लेकर सायेन्टिस्ट चर्चा कर रहे ।
पहले जानने की आवश्यकता है टेलिकिनेसिस हे क्या?
दोस्तो हमारा शरीर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना हे।

हार मांस मज्जा खुन जैसे स्थूल धातु के साथ
चेतन अवचेतन मन(conscious and subconscious mind) जैसी सुक्ष्म एवम् शक्तिशाली तत्व भी इस शरीर मे वसाये है ईश्वर ने।

हालांकि हम उतना ध्यान नही दिये। योग ध्यान की अनभ्यास के कारण से अवचेतन मन की शक्ति वड़ाये नही।

फल स्वरुप हम उस शक्ति के वारे मे जान न सके।

साईकोकिनेसिस कई प्रकार के होते है।

1)टेलिकिनेसिस (कोई भी चीज हवा मे उड़ाने की शक्ति )
2)हाईड्रोकिनेसिस (जल नदी के स्रोत पर नियंत्रण )
3)पाइरो किनेसिस(अग्नि पे नियन्त्रण )
4)इलेक्ट्रोकिनेसिस (विजली पे नियन्त्रण )
5) लेभीटेशन (गुरुत्वाकर्षण पे नियन्त्रण )

मतलव पंच तत्व पे नियन्त्रण पाना जिससे ये शरीर बना है।

और इस विषय मे पहला ज्ञान वेद से ही मिलता है।
अभी ये ज्ञान भारत मे और गौतम बुद्ध के प्रभाव से नेपाल, तिब्बत (जो कभी हिन्दुस्तान मे था) चीन के कुछ सन्यासी को पता है।

यीशु मसीह ने अपना 18 साल भारत मे इस योग को सिखकर अपने देश मे प्रदर्शन कीये। अद्भुत अतिइन्द्रिय शक्ति प्रयोग से(रेइकी) रोग तक ठीक कर दिये। वहा के इहुदी उनको भगवान बना कर क्रिश्चियन धर्म वना लिये।

 जव तक वेदो की योग ध्यान की प्रक्रिया सही से अभ्यास न करे तव तक अवचेतन मन की शक्ति का अनुभव नही होता है। एकनिष्ठ सही प्रक्रिया से धीरे धीरे इसका प्रभाव जान पड़ता है। और सबसे वड़ी वात ये अन्दर की सारी गलत भावना को खत्म कर देता है।इन्सान मानव से महामानव बन जाता है।

प्राचीन आयुर्वेद मे ध्यान का बड़ा महात्म्य था। अभी के सायेन्स जिस अवचेतन मन की अपार शक्ति का वैज्ञानिक विश्लेषण करना चाहते है निश्चित है उनको इसका हल वेद मे ही मिलेगा।


#कृष्णप्रिया

Tuesday 4 February 2020

Opportunity for writer

hello writer,


I, Pawan sikarwar founder of Sikho Foundation and Indian Paper Ink. invites you for our website story writing.


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What is unique in Indian Paper Ink website?


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Author Pawan Sikarwar

Founder of Indian paper ink 


website - http://indianpaperink.com/


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Sunday 4 August 2019

Interview with Author shikha shrivastav

  INDIAN PAPER INK Publishing Interview
 
Name –  शिखा श्रीवास्तव
Book Name -  खाली फ्रेम 
Hobbies and Interest -  किताबे पढ़ना और लिखना 

Biographical Info मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है।

Favorite Quoteलेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है।


            Today I’m very lucky to be interviewing Sikho foundation Authors


Que 1 :- Hello Sir/Ma’am, thank you for agreeing to this interview. Tell us a little about yourself and your background?

Ans :- मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है। लेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है।


Que 2 :- Your every readers and me also wanted to know, Do you write every single day? 

Ans :-    नहीं, मैं हर दिन नहीं लिखती। लिखना मेरे लिए विचारों के गहरे सागर में डूबकर मोती ढूंढ लाने के बराबर है जिसके लिए मुझे वक्त चाहिए होता है।
                                                                                 

Que 3 :- How did you begin writing? Did you intend to become an author, or do you have a specific reason or reasons for writing each book?

Ans :-  एक वक्त ऐसा आया था जीवन में जब मैं भावनात्मक रूप से बिल्कुल अकेली पड़ गयी थी। उसी दौर में मेरे हाथों ने कलम को थाम लिया और लेखन के जरिये अपने मन के भावों को शब्दों में ढ़ालकर मुझे गहन सुकून की अनुभूति हुई। बस तब से ही मेरे लेखन की शुरुआत हुई। मेरी कलम ने मेरे अंदर की घुटन से मुझे मुक्त किया और ये दौर अब भी जारी है।
   
Que 4 :- What period of your life do you find you write about most often? (child, teenager, young adult)

Ans :- निःसंदेह वयस्क जीवन में मैंने ज्यादा लिखा है।

Que 5 :- What was an early experience where you learned that language had power?

Ans :- मैंने "बेटी का घर" शीर्षक से एक लघुकथा लिखी थी, जिसे पढ़कर बहुत लोग मेरे उस विचार से सहमत हुए और भविष्य में उसे अपनाने की बात कही। जिसे जानकर मुझे पहली बार अहसास हुआ कि मेरी कलम में भी ताकत है और मुझे इस ताकत को सही दिशा देनी चाहिए ताकि हमारे समाज के सही निर्माण में कुछ योगदान मेरा भी हो।

Que 6 :- If you could tell your younger writing self anything, what would it be?

Ans :-  अपने साथी लेखकों से मेरी यही विनम्र विनती है कि अपनी कलम की ताकत को पहचानिए, इससे कुछ सकारात्मक लिखिए, कुछ ऐसा रचिये जो मनोरंजन के साथ-साथ हमारे समाज और देश के लिए हितकारी हो, जो लोगों को सही-गलत का फर्क समझने में मदद करे।

Que 7 :- Tell us how much you connected with your upcoming Novel?

Ans :- अभी मैंने नया उपन्यास लिखना शुरू नहीं किया है। पर एक विषय है जिस पर लिखने की कोशिश कर रही हूँ और ये मेरे दिल के बहुत करीब है।


Que 8 :- Tell us about your upcoming Novel?

Ans :- फिलहाल बता पाना सम्भव नहीं है। लेकिन ये जो भी होगा हमारे आस-पास के समाज और उसमें व्याप्त विडंबनाओं पर ही आधारित होगा।

Que 9 :- Which actor/actress would you like to see playing the lead character from your most recent Novel?

Ans :- सिर्फ और सिर्फ कंगना रनौत

Que 10 :- What was your hardest scene to write?

Ans :- कभी-कभी ऐसा होता है कि अपने विचारों को सही तरीके से शब्दों में ढ़ालने के लिए शब्दों का उचित संयोजन नहीं मिल पाता। तब थोड़ी मुश्किल का अहसास होता है।


Que 11 :- What’s the best way to market your books?

Ans :- आज के दौर में सोशल मीडिया से बेहतर कुछ भी नहीं है।

Que 12 :- Any last thoughts for our readers?

Ans :- मैं बस अपने पाठकों से यही अनुरोध करती हूं कि सकारात्मक संदेश देती रचनाओं को अपने आस-पास के लोगों तक पहुँचाइए और जो बात अमल करने लायक लगे उस पर अमल करके समाज और देश-निर्माण के सहभागी बनिये। नकारात्मक बातों के प्रचार-प्रसार से खुद को और समाज को बचाइए।


Thank you very much for taking the time out of your busy schedule to take part in this interview.





ब्लॉगिंग से पैसा कैसे कमाए

ब्लॉगिंग का मतलब क्या है? अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव को एक वेबसाइट का रूप दे देना इसमें आप जिस काम मे अच्छे है वो कर सकते है जैसे की अगर ...