Skip to main content

Posts

ब्लॉगिंग से पैसा कैसे कमाए

ब्लॉगिंग का मतलब क्या है? अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव को एक वेबसाइट का रूप दे देना इसमें आप जिस काम मे अच्छे है वो कर सकते है जैसे की अगर आप डॉक्टर है तो हेल्थ ब्लॉग बनाना होगा। फायदे क्या है? 1. घर बैठे कर सकते है 2. कोई नॉकरी नही है स्वतंत्र रूप से लिख सकते है 3. पैसे कमा सकते है 4. अपने आप को फेमस कर सकते है। पैसा कैसे कमाए ? पैसा कमाना इसमें बहुत मुश्किल है और इसमें पैसा कमाने के सिर्फ गिने चुने तरीके है जैसे गूगल adsense से पैसा कमाना गूगल एडसेंस क्या है? गूगल की advertisement कंपनी है जो की आपके ब्लॉग पर advertisement करेगी और उसका आपको पैसा देगी लेकिन पैसा निकाल आप 100 डॉलर होने पर ही सकते है। और 100 डॉलर करने के लिए महीने में आपके ब्लॉग को पढ़ने वालों की संख्या 5000 लोग और 50000 व्यूज होने चाहिए जो कि आसान तो बिल्कुल भी नही है कुछ लोगो का पूरा साल निकल जाता है 100 डॉलर ही कमाने में 😄 क्या ब्लॉगिंग फ्री में होती है ? हां ओर ना भी क्योंकि फ्री के लिए आप फ्री का डोमिन ओर होस्टिंग तो ले लोगे लेकिन वो ब्लॉग किसी कबाड़ जैसा ही होगा जिसे शायद ही कोई पड़ेगा ओर जो फ
Recent posts

लेखक कैसे बन गया? ऑथर पवन सिकरवार

मै एक क्राइम फिक्शन लेखक हूँ और उसी मै लिखना पसंद करता हूँ क्योंकि मेरी अपराधी सोच मेरी लिखने में मदद करती है। कॉलेज के दूसरे साल तक तो मैने सोचा भी नही था कि मै एक लेखक बनूँगा या फिर लेखन में मेरी रुचि बढ़ेगी। मेरी किस्से कहानियों मे आप सभी का स्वागत है जिसका पहला अध्याय है लेखक कैसे बन गया? मुझे याद है कि स्कूल के दिनों मे किताबे पढ़ने का शौक कम ही था वरना अच्छे नम्बर आते। खैर कॉलेज में पहुंचा तो भी कोई खास बदलाव मुझमे आया नही। एक पार्ट टाइम जॉब ढूंढ ली थी और कॉलेज के बाद वंही रहता था तो पैसे की कोई दिक्कत नही होती थी मैने अपने पैसों से बाइक भी ले ली थी किश्तों पर ही सही लेकिन मेरी खुद की बाइक थी। जब कॉलेज का आखिरी साल आया तब मैंने पहली बार शेरलॉक होम्स का जासूसी उपन्यास पढ़ा फिर उसके बाद फ़िल्म फिर उसके बाद ऑथर कॉनन डॉयल की जीवनी पढ़ी उनकी इस खास रचना का सच तो जानना ही था तो एक प्रेणा मिली । मुझे भी अपना खुद का उपन्यास लिखना था सिर्फ अपनी मन की तसल्ली के लिए कोई खास किताबी मकसद कभी दिमाग मे नही आया। तीसरा अध्याय जब अपने उपन्यास का लिखा तो एक खास दोस्त से मिला उसने बताया कि म

बदनामी कि दास्तान - ऑथर पवन सिकरवार

वो जानती थी कि अगर छोड़ कर चली गई तो बर्बाद हो जाऊंगा लेकिन ये बात उसे भी पता थी कि आवारा है ये मरेगा नही लेकिन मैंने भी बर्बादी के गीत लिख दिए दुनिया को अपनी किस्से कहानियो से मदहोश कर दिया बस उसके साथ पी हुई वो चाय याद आती है उसकी डांट में छुपी वो राय याद आती है ये बीतती शाम मानो पूछ रही हो कि वो कँहा है क्या वो फिर रुठ गई या वो अपनी सहेली के यंहा है क्या जबाब दु अब इन बातों का क्या हिसाब दु इन तन्हा रातो का चासनी सी बातों से ना जाने कितने कत्ल उसने किये है दिल पर खंजर रख कर ना जाने कितने जख्म उसने दिए है जिंदगी में अब भूल चुका हूं उसे और बर्बादी की तरफ निकल चुका हूं बर्बादी को हमसफ़र चुनकर एक नए मोड़ पर निकल चुका हूँ तभी वो उस सफर पर फिर मुझे दिखाई दी किसी दूसरे का हाँथ थामे एक दर्द की चुभन चुभ सी गई फिर भी सोचा हाल चाल पूछ लेता हूँ कभी तो उसने भी मुझसे प्यार किया था तो उसका उधार चुका देता हूँ लेकिन मेरे दिल ने गवाही नही दी कहा छोड़ रास्ते पर ध्यान दे दुनिया को अपनी बदनामी का ज्ञान दे बता कैसे तेरी ही गलती से तुझसे वो अलग हुई थी बता कैसे तेरी ही हरकतों से वो बोर हुई

श्रमिक को तोहफा तो दो - ऑथर पवन सिकरवार

मुझे कुछ समय दो उस व्याध से लड़ने का श्रमिक को तोहफा तो दो यूँ ही लड़कर मरने का दीप प्रज्वलित कर सच्चाई का उजियारा फैलाना है मुझे हिम्मत करने दो ऐसा कुछ कर गुजरने का श्रमिक को तोहफा तो दो यूँ ही लड़कर मरने का सोचा था कभी एक किसान ताज पहन दिखाएगा सोचा था कभी एक मजदूर सिंहासन पर बैठ पाएगा उसे तोहफा तो दो ऐसे सपने देखने का मुझे कुछ समय दो उस व्याध से लड़ने का ऑथर पवन सिकरवार

योग की शक्तियां - कृष्णप्रिया

योग सिद्ध होने पर योगीयो के पास कुछ सिद्धिया आती है। ये सिद्धिया असल में और कुछ नही हमारे अवचेतन मन की असीम शक्ति ही है। हमारे मस्तिष्क के चेतन एवं अवचेतन दो प्रकार के स्मृति है। नींद में स्वप्न देखना,नींद में वच्चो का हंसना- रोना भी अवचेतन मन के बजह से होता है क्योंकि नींद में चेतन( वाह्य मन) सोया हुआ रहता है। परंतु अवचेतन मन हर समय सक्रिय रहता है हालांकि चेतन मन के जागे रहते समय हमे उतना अनुभव नही होता। समझे आपका चेतन मन मोबाइल पर है और आप घर से टहलने को निकले फिर पार्क में टहलते हुए घर बापस आये पर आपका चेतन मन तो मोबाइल में देख रहा था फिर रास्ता कौन पहचान रहा था? ये आपका ही अवचेतन मन है जो रोज आप अभ्यास करते है , जिस रास्ते से रोज जाते है उसे सब पता होता है। प्यार में भी कुछ ऐसा ही होता है जिसको आप बहुत ज्यादा सोचते है वो आपके अवचेतन मन में एकबार स्थान बना ले तो आप उसको मिटा नही पाते है। हालांकि चेतन मन में वसा तात्कालिक आकर्षन हम सहजता से भुला सकते है। अव आते है इस अवचेतन मन की असीम शक्ति पर। टेलिकिनेसिस को लेकर सायेन्टिस्ट चर्चा कर रहे । पहले जानने की आवश्यकता है टेलिकि

Opportunity for writer

hello writer, I, Pawan sikarwar founder of Sikho Foundation and Indian Paper Ink. invites you for our website story writing. Why choose our website for publish your story? 1. Our website start a ebook store to sell your ebook. 2. Indian paper ink gives you more worldwide readers. 3. You can share your short stories with us at free of cost too. 4. Topper of the month story gets an exciting prize too. What is unique in Indian Paper Ink website? 1. We start a writer secret society "black collar"  for make grow writing community ideology 2. You can promote your book on our website with your short story free of cost 3. We will start paperback very soon for our new writer who needs cheap publisher too why writer trust our website? 1. writer easily join our whatsaap group for shares his/her ideology 2. writer also shares evil and black ideology related stories in our website 3. In a month end you take direct conversation with your readers on our w

Interview with Author shikha shrivastav

  INDIAN PAPER INK Publishing Interview   Name –  शिखा श्रीवास्तव Book Name -  खाली फ्रेम  Hobbies and Interest -  किताबे पढ़ना और लिखना  Biographical Info – मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है। Favorite Quote -  लेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है।              Today I’m very lucky to be interviewing Sikho foundation Authors Que 1 :- Hello Sir/Ma’am, thank you for agreeing to this interview. Tell us a little about yourself and your background? Ans :- मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है। लेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है। Que 2 :- Your every readers and me also wanted to know, Do you write every single day?   Ans :-    नहीं, मैं हर दिन नहीं लिखती। लिखना मेरे लिए विचारों के गहरे सागर में डूबकर मोती ढूंढ लाने के बराबर है जिसके लिए मुझे वक्त चाहिए होता है।