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योग की शक्तियां - कृष्णप्रिया

योग सिद्ध होने पर योगीयो के पास कुछ सिद्धिया आती है। ये सिद्धिया असल में और कुछ नही हमारे अवचेतन मन की असीम शक्ति ही है।

हमारे मस्तिष्क के चेतन एवं अवचेतन दो प्रकार के स्मृति है। नींद में स्वप्न देखना,नींद में वच्चो का हंसना- रोना भी अवचेतन मन के बजह से होता है क्योंकि नींद में चेतन( वाह्य मन) सोया हुआ रहता है।
परंतु अवचेतन मन हर समय सक्रिय रहता है हालांकि चेतन मन के जागे रहते समय हमे उतना अनुभव नही होता। समझे आपका चेतन मन मोबाइल पर है और आप घर से टहलने को निकले फिर पार्क में टहलते हुए घर बापस आये पर आपका चेतन मन तो मोबाइल में देख रहा था फिर रास्ता कौन पहचान रहा था? ये आपका ही अवचेतन मन है जो रोज आप अभ्यास करते है , जिस रास्ते से रोज जाते है उसे सब पता होता है।

प्यार में भी कुछ ऐसा ही होता है जिसको आप बहुत ज्यादा सोचते है वो आपके अवचेतन मन में एकबार स्थान बना ले तो आप उसको मिटा नही पाते है। हालांकि चेतन मन में वसा तात्कालिक आकर्षन हम सहजता से भुला सकते है।

अव आते है इस अवचेतन मन की असीम शक्ति पर।

टेलिकिनेसिस को लेकर सायेन्टिस्ट चर्चा कर रहे ।
पहले जानने की आवश्यकता है टेलिकिनेसिस हे क्या?
दोस्तो हमारा शरीर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना हे।

हार मांस मज्जा खुन जैसे स्थूल धातु के साथ
चेतन अवचेतन मन(conscious and subconscious mind) जैसी सुक्ष्म एवम् शक्तिशाली तत्व भी इस शरीर मे वसाये है ईश्वर ने।

हालांकि हम उतना ध्यान नही दिये। योग ध्यान की अनभ्यास के कारण से अवचेतन मन की शक्ति वड़ाये नही।

फल स्वरुप हम उस शक्ति के वारे मे जान न सके।

साईकोकिनेसिस कई प्रकार के होते है।

1)टेलिकिनेसिस (कोई भी चीज हवा मे उड़ाने की शक्ति )
2)हाईड्रोकिनेसिस (जल नदी के स्रोत पर नियंत्रण )
3)पाइरो किनेसिस(अग्नि पे नियन्त्रण )
4)इलेक्ट्रोकिनेसिस (विजली पे नियन्त्रण )
5) लेभीटेशन (गुरुत्वाकर्षण पे नियन्त्रण )

मतलव पंच तत्व पे नियन्त्रण पाना जिससे ये शरीर बना है।

और इस विषय मे पहला ज्ञान वेद से ही मिलता है।
अभी ये ज्ञान भारत मे और गौतम बुद्ध के प्रभाव से नेपाल, तिब्बत (जो कभी हिन्दुस्तान मे था) चीन के कुछ सन्यासी को पता है।

यीशु मसीह ने अपना 18 साल भारत मे इस योग को सिखकर अपने देश मे प्रदर्शन कीये। अद्भुत अतिइन्द्रिय शक्ति प्रयोग से(रेइकी) रोग तक ठीक कर दिये। वहा के इहुदी उनको भगवान बना कर क्रिश्चियन धर्म वना लिये।

 जव तक वेदो की योग ध्यान की प्रक्रिया सही से अभ्यास न करे तव तक अवचेतन मन की शक्ति का अनुभव नही होता है। एकनिष्ठ सही प्रक्रिया से धीरे धीरे इसका प्रभाव जान पड़ता है। और सबसे वड़ी वात ये अन्दर की सारी गलत भावना को खत्म कर देता है।इन्सान मानव से महामानव बन जाता है।

प्राचीन आयुर्वेद मे ध्यान का बड़ा महात्म्य था। अभी के सायेन्स जिस अवचेतन मन की अपार शक्ति का वैज्ञानिक विश्लेषण करना चाहते है निश्चित है उनको इसका हल वेद मे ही मिलेगा।


#कृष्णप्रिया

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