Skip to main content

प्रेम कहानी wrote by Author Pawan Singh

चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै
कॉलेज में देखी थी एक लड़की अनजानी मैं

उसका बचपन शरारती और नज़ाकत थी जवानी में
पता नही और कितनी खूबियां थी उस रानी में
बालो का खुला रहना और आंखों में हल्का काजल था
उसका वो मुस्कराता चेहरा जिंदा है मेरी यादगानी में
चलो आज सुनता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

धर्म अलग था कर्म अलग था
थोड़ा सा वो यार अलग था
प्यार तो सब करते है लेकिन
उसका मेरा प्यार अलग था
कॉलेज में घूमना उसके साथ
कैंटीन वाला वो अचार अलग था
असलियत बता रहा हु तूमको अपनी जुबानी में
चलो आज सुनता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

थोड़ी सी खुशी और थोड़ा सा अब गम है
दारू की तरह चढ़ती सिरपर वो रम है
बाते घण्टों करती थी लेकिन बाते फिर भी कम है
इश्क है उसे आज भी मुझसे
बस यही मेरा वहम है
उसकी यादों की खुशबू लगती सुहानी में
चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

कॉलेज में मिली और कॉलेज में ही छोड़ दिया
रिश्ते के रास्ते को यूँही उसने मोड़ दिया
प्यार का वो वादा, उसने वादे को ही तोड़ दिया
मैने भी इस ब्रेकअप पर काफी भइया जोर दिया
तब समझा कि वो खोई है सूफ़ियानी में
चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

वो चली गई लेकिन,
मुझे मेरी क़लम ने संभाला है
उसने फिर,

एक परिंदे को फसाने के लिए जाल डाला है
अब उस कॉलेज की चाट कोर्नर में,
लगा देखो ताला है
प्यार इश्क मोहब्ब्त की गलतफहमी को,
मैने भी तो पाला है
मै भी डूबा था उसकी जिशमानी में
चलो आज सुनाता हूँ अपनी प्रेम कहानी में







Comments

  1. This is true story🤗 well said nd gud try,, God bless you bro😘

    ReplyDelete
  2. Behad khooobsooorat....kuchh kuchh meri muhabbat jaisi...bas fark ye hai k hm alg hone k baad bhi abhi tak saath nibha rahe hain....true love never ends

    ReplyDelete
    Replies
    1. Sabse mushkil hota ha adhure pyar ko pyar Dena

      Delete
  3. Her ishq ka masla yu kamjor niklega , waqt sayad bhar de , Lekin pakka hai , sayar niklega .

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Best motivation poem Wrote by Author Pawan Sikarwar

"मुझे हराने के लिए देखो मेरी किस्मत ही मेरे खिलाफ खड़ी है जी रहा हु ऐसे जिंदगी मानो मेरी लाश कब्र में पड़ी है" "हिसाब किताब करदो मेरा मुझे अब कुछ नही कहना तुमसे बहुत रुलाया है ना मैने? दूर होकर अब खुश हो ना मुझसे" "जिंदगी तूने पटक दिया मुझे लगता है तू लड़ने में ही राजी है तूने अपनी चाल चल ली ना? अब इस शतरंज में मेरी बाजी है"  लेखक - पवन सिकरवार  Copyright reserved by Sikho foundation

Who is writer by Author Pawan Sikarwar

लेखक कौन हो सकता है या लेखक कौन बन सकता है? ऐसे सवाल अक्सर हर लेखक और पाठक के मन मे जरूर उभरता है। लेकिन इससे पहले यह जानना शायद ज्यादा जरूरी है कि लेखक कौन है? और इसका जबाब है - “लेखक एक शार्पित इन्सान है” इस एक पंक्ति में शायद आपके सभी सवालों के जबाब मिल गए होंगे। लेखक एक ऐसा इंसान है जो शार्पित है क्योंकि वह हमेशा कुछ नया लिखने के लिए बेचैन रहता है और उसकी यह बेचैनी ही उसे लेखन से जोड़ती है। अक्सर मुझसे मेरे पाठक पूछते है कि क्या लेखन के लिए साहित्यिक जीवन होना जरूरी है? और मेरा हमेशा इसपर एक ही जबाब होता है कि – “नही क्योंकि कई ऐसे महान लेखक हुए है जिनके पहले से कोई साहित्यिक जीवन से जुड़ाव नही था। ना ही उनके पिता और ना ही उनके दादा साहित्य से जुड़े हुए थे लेकिन फिर ही वह एक सफल लेखक है और यह मेरे साथ भी हुआ ना ही मेरे परिवार किसी साहित्य जीवन से जुड़ा हुआ था और ना ही मै। लेखक हर दौर से गुजरता है चांहे फिर वो गरीबी हो, या समाज दुवारा बहिष्कार हो उसका या उसकी आलोचना। लेकिन इसी बीच एक बड़ा तबका एक लेखक को प्रेम भी देता है और सहयोग भी। समाज और लेखक का रिश्ता ज्यादा अच्छा नही होता ह...