Sunday, 4 August 2019

Interview with Author shikha shrivastav

  INDIAN PAPER INK Publishing Interview
 
Name –  शिखा श्रीवास्तव
Book Name -  खाली फ्रेम 
Hobbies and Interest -  किताबे पढ़ना और लिखना 

Biographical Info मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है।

Favorite Quoteलेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है।


            Today I’m very lucky to be interviewing Sikho foundation Authors


Que 1 :- Hello Sir/Ma’am, thank you for agreeing to this interview. Tell us a little about yourself and your background?

Ans :- मेरा नाम शिखा श्रीवास्तव है। मैं हाजीपुर, बिहार की रहने वाली हूँ। मैंने समाजशास्त्र(प्रतिष्ठा) विषय में स्नातक किया है। लेखन और पठन मेरे जीवन के अभिन्न हिस्से है।


Que 2 :- Your every readers and me also wanted to know, Do you write every single day? 

Ans :-    नहीं, मैं हर दिन नहीं लिखती। लिखना मेरे लिए विचारों के गहरे सागर में डूबकर मोती ढूंढ लाने के बराबर है जिसके लिए मुझे वक्त चाहिए होता है।
                                                                                 

Que 3 :- How did you begin writing? Did you intend to become an author, or do you have a specific reason or reasons for writing each book?

Ans :-  एक वक्त ऐसा आया था जीवन में जब मैं भावनात्मक रूप से बिल्कुल अकेली पड़ गयी थी। उसी दौर में मेरे हाथों ने कलम को थाम लिया और लेखन के जरिये अपने मन के भावों को शब्दों में ढ़ालकर मुझे गहन सुकून की अनुभूति हुई। बस तब से ही मेरे लेखन की शुरुआत हुई। मेरी कलम ने मेरे अंदर की घुटन से मुझे मुक्त किया और ये दौर अब भी जारी है।
   
Que 4 :- What period of your life do you find you write about most often? (child, teenager, young adult)

Ans :- निःसंदेह वयस्क जीवन में मैंने ज्यादा लिखा है।

Que 5 :- What was an early experience where you learned that language had power?

Ans :- मैंने "बेटी का घर" शीर्षक से एक लघुकथा लिखी थी, जिसे पढ़कर बहुत लोग मेरे उस विचार से सहमत हुए और भविष्य में उसे अपनाने की बात कही। जिसे जानकर मुझे पहली बार अहसास हुआ कि मेरी कलम में भी ताकत है और मुझे इस ताकत को सही दिशा देनी चाहिए ताकि हमारे समाज के सही निर्माण में कुछ योगदान मेरा भी हो।

Que 6 :- If you could tell your younger writing self anything, what would it be?

Ans :-  अपने साथी लेखकों से मेरी यही विनम्र विनती है कि अपनी कलम की ताकत को पहचानिए, इससे कुछ सकारात्मक लिखिए, कुछ ऐसा रचिये जो मनोरंजन के साथ-साथ हमारे समाज और देश के लिए हितकारी हो, जो लोगों को सही-गलत का फर्क समझने में मदद करे।

Que 7 :- Tell us how much you connected with your upcoming Novel?

Ans :- अभी मैंने नया उपन्यास लिखना शुरू नहीं किया है। पर एक विषय है जिस पर लिखने की कोशिश कर रही हूँ और ये मेरे दिल के बहुत करीब है।


Que 8 :- Tell us about your upcoming Novel?

Ans :- फिलहाल बता पाना सम्भव नहीं है। लेकिन ये जो भी होगा हमारे आस-पास के समाज और उसमें व्याप्त विडंबनाओं पर ही आधारित होगा।

Que 9 :- Which actor/actress would you like to see playing the lead character from your most recent Novel?

Ans :- सिर्फ और सिर्फ कंगना रनौत

Que 10 :- What was your hardest scene to write?

Ans :- कभी-कभी ऐसा होता है कि अपने विचारों को सही तरीके से शब्दों में ढ़ालने के लिए शब्दों का उचित संयोजन नहीं मिल पाता। तब थोड़ी मुश्किल का अहसास होता है।


Que 11 :- What’s the best way to market your books?

Ans :- आज के दौर में सोशल मीडिया से बेहतर कुछ भी नहीं है।

Que 12 :- Any last thoughts for our readers?

Ans :- मैं बस अपने पाठकों से यही अनुरोध करती हूं कि सकारात्मक संदेश देती रचनाओं को अपने आस-पास के लोगों तक पहुँचाइए और जो बात अमल करने लायक लगे उस पर अमल करके समाज और देश-निर्माण के सहभागी बनिये। नकारात्मक बातों के प्रचार-प्रसार से खुद को और समाज को बचाइए।


Thank you very much for taking the time out of your busy schedule to take part in this interview.





Tuesday, 30 July 2019

Interview with Author Priyanka kartikey

  INDIAN PAPER INK Publishing Interview
 
NamePRIYANKA KARTIKEY


Book Name -  MONIKA - THE MURDER MYSTERY


Hobbies and Interest -  singing & dancing & writing & reading books.


Biographical Info  5 fit height,  a mole on face.


Favourite Quote -  Honesty is the best policy.



           Today I’m very lucky to be interviewing Sikho foundation Authors

 


Que 1:- Hello Sir/Ma’am, thank you for agreeing to this interview. Tell us a little about yourself and your background?

Ans:- hello sir, this is Priyanka Kartikeya. I'm Belong to be a small town "Sohagpur" & I'm a very simple girl same as other girls

Que 2:- Your every reader and I also wanted to know, Do you write every single day? 

Ans:-  thank you for asking this question to me..no sir, actually it's my passion when I'm free from the daily routine schedule.                                                                                   

Que 3:- How did you begin writing? Did you intend to become an author, or do you have a specific reason or reasons for writing each book?

Ans:-  When I had read online platform stories before six months.I had decided to write stories.
   
Que 4:- What period of your life do you find you write about most often? (child, teenager, young adult)

Ans:- before I had found a writer in my self that's why on that time I had decided to bring out my imagination power in front of all of you.

Que 5:- What was an early experience where you learned that language had power?

Ans:-  I had released language had amazing power to express urself.

Que 6:- If you could tell your younger writing self anything, what would it be?

Ans:- I had written three short love stories & 2 social stories.

Que 7:- Tell us how much you connected with your upcoming Novel?

Ans:- actually I'm a short story writer but still now I'm working on my upcoming horror story "Monika the mystery girl" I'm only fulfilling my a little bit dreams of mine.so that I'm going to hard work on it.soon as soon it will definitely be published.

Que 8:- Tell us about your upcoming novel?

Ans:- Monika-The mystery girl will be coming soon 

Que 9:- Which actor/actress would you like to see playing the lead character from your most recent Novel?

Ans:- I would like to see playing Mr Ayushman Khurana as a lead character of the upcoming novel of mine.

Que 10:- What was your hardest scene to write?

Ans:- A harassment of a girl or society.. this was really very difficult to write in stories.

Que 11:- What’s the best way to market your books?

Ans:- according to me, online selling or distributing is the best way of marketing.

Que 12:- Any last thoughts for our readers?

Ans:- yes I wanna tell you to every reader of mine-"every writer have of a special journey to become an author.& readers playing the main lead role by giving their response.because every reader of an author is not only readers but still, they give a chance to make the best author.


Thank you very much for taking the time out of your busy schedule to take part in this interview.







Monday, 22 July 2019

दहेज - लेखक नितिन अग्रवाल

"क्योँ दहेज हैं समाज मे लालच का मैल, 
जिसके साथ मनुष्य खेल रहा हैं खेल,
पीस रही उस खेल मे नारी बिचारी,
जिसके साथ बरती जा रही अत्याचारी,
सपने सजाती गुलाब के फूल से,
हो जाते खोखले दीमक के मैल से,
क्योँ दहेज हैं समाज मे लालच का मैल !!!


शादी के नाम घर से होती हैं बिदाई,
ससुराल वाले कहे घर मे बहू हैं आई,
सपने संजोती भविष्य मे पति के प्यार के,
मिल जाते अत्याचार थपड़ों की पुकार से,
क्योँ दहेज हैं समाज मे लालच का मैल !!!


तेजाब, केरोसिन बिक रहा बाजार मे खुलेआम,
जो छिड़का जा रहा नारियों पर बे-लगाम, 
रोको टोको कोई तो इन दरिंदो को दोस्तों,
क्या कोई नहीं जीवन मे उनका मोल,
क्योँ दहेज हैं समाज मे लालच का मैल !!!!

यदि छोड़ सब कुछ आ जाए घर अपने,
तो समाज ताने दे दे जीने नहीं देता,
चेहरा छुपाए घूमे उस काबिल तक नहीं छोड़ता,
क्या यही तक सिमित हैं नारियों का अभिमान,
क्योँ दहेज हैं समाज मे लालच का मैल !!!!

पैसे की लक्ष्मी की माँग छोड़,
कर लो घर की लक्ष्मी का सम्मान,
साथ ही साथ देश का ना होगा अपमान,
फिर हर कोई कहेगा क्या,
दहेज नहीं समाज मे लालच का मैल !!!!


@ Nitin Agarwal 

From- आगरा (City of love)....

शरलॉक होम्स और ऑथर कॉनन डॉयल

  शरलॉक होम्स, यह नाम आपने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा और यदि नहीं भी सुना है तो भी कोई बात नहीं है दोस्तों, क्योंकि अब समय आ गया है जब हम मि. होम्स के कारनामे सुनेंगे, अ..अ........ मेरा मतलब है कि पढ़ेंगे। शरलॉक होम्स एक ऐसे काल्पनिक किरदार का नाम है जो अपनी अभूतपूर्व तर्क शक्ति, अद्भुत निरीक्षण (observation) क्षमता, साहस और सूझ-बूझ के लिए जाना जाता है। होम्स ने अनेक ऐसी आपराधिक गुत्थियाँ सुलझाईं है जो पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली मात्र बन कर रह गई थीं। उनकी विशिष्ट कार्यशैली लोगों को चमत्कृत करके रख देती थी, ठीक एक जादूगर की तरह। इस पात्र की लोकप्रियता का अंदाजा आप केवल इसी बात से लगा सकते हैं की लोग इसे एक काल्पनिक पात्र न मानकर एक जीवित व्यक्ति समझ बैठे थे, और इस कारण उसके नाम के अनेकों पत्र डाक विभाग को मिलने लगे थे जिनमें लोग अपनी समस्याएँ लिखते थे। होम्स के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानियों पर कई टेलीविज़न सीरीज और कुछ फिल्म्स भी बन चुकी है जो दर्शकों द्वारा बहुत पसंद की गईं।
अब तक छप्पन लघु कथाएँ और चार उपन्यास शरलॉक होम्स और उनके डॉ. मित्र जॉन एच. वाटसन पर लिखी जा चुकी है। चार को छोड़कर अन्य सभी कहानियाँ होम्स के मित्र और जीवनी लेखक डॉ. वाटसन द्वारा सुनाई गई है, दो कहानियाँ खुद होम्स और दो कहानियाँ किसी तीसरे व्यक्ति की जुबानी बयां की गई है। होम्स का किरदार उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध और बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में उभरकर आया। पहली बार सन् 1887 में प्रकाशित होकर यह किरदार लोगों के जेहन में इस कदर छा गया कि उसका जादू आज भी बरकरार है।


                                   दोस्तों सबसे पहले हम एक नजर डालते हैं उस व्यक्ति के परिचय पर जिसकी बदौलत आज शरलॉक होम्स का नाम हमारे बीच है।
लेखक के बारे में :

सर आर्थर कॉनन डॉयल, यही वह महान लेखक है जिनकी कलम और कल्पनाशक्ति ने मिलकर जन्म दिया शरलॉक होम्स के किरदार को। इनके बारे में-

जन्म:
22 मई 1859
Edinburgh , Scotland
मृत्यु:
7 जुलाई 1930 (aged 71)
Crowborough, East Sussex, England
व्यवसाय:
Novelist, short story writer, poet,doctor of medicine
राष्ट्रीयता:

Scottish
नागरिकता:
United Kingdom
शैली:
Detective fiction, science fiction, historical novels, non-fiction
सर आर्थर इग्नाशियस कॉनन डॉयल, (22 मई 1859 - जुलाई 7, 1930) एक स्कॉटिश चिकित्सक और लेखक थे जिन्हें अधिकतर जासूस शरलॉक होम्स की उनकी कहानियों (इन कहानियों को आम तौर पर काल्पनिक अपराध कथा के क्षेत्र में एक प्रमुख नवप्रवर्तन के तौर पर देखा जाता है), के लिए जाना जाता है। वे एक सफल लेखक थे जिनकी रचनाओं में काल्पनिक विज्ञान कथाएं, ऐतिहासिक उपन्यास, नाटक एवं रोमांस, कविता और गैर-काल्पनिक कहानियां शामिल हैं।
                          सर आर्थर कॉनन डॉयल, यही वह महान लेखक है जिनकी कलम और कल्पनाशक्ति ने मिलकर जन्म दिया शरलॉक होम्स के किरदार को। इनके बारे में- गैर-काल्पनिक कहानियां शामिल हैं। 
सर आर्थर कॉनन डॉयल को सर की उपाधि होम्स की रचना करने हेतु ही मिली थी ,एक समय ऐसा था जब इन्होने होम्स को मारने की ठानी ,पूछने पर उन्होंने बताया की होम्स का किरदार उन पर हावी हो रहा हे ,वो खुल कर नही लिख पाते ,क्योकि होम्स के फेन इतने ज्यादा लोग थे की वो होम्स को कभी हारता हुआ नही देख सकते थे ,कभी अगर सर आर्थर कॉनन डॉयल होम्स को किसी कहानी में थोडा भी कमजोर या हार दिखाने की कोशिश करते सर आर्थर कॉनन डॉयल को धमकी भरे खत मिलने शुरू हो जाते 
             पर इन्होने एक दिन होम्स को खत्म कर ही दिया ,तब लोगो का बहुत बड़ा आंदोलन हुआ ,इनके घर के बहार लोग नारे लगाने लगे ,खत आदि मिलने लगे ,तब इन्हें होम्स को वापस जिन्दा करना पड़ा 
                         जिस लेखक ने जासूसी को न्या आयाम दिया ,जासूस की एक अलग पहचान बनाई,अपनी लेखनी से सरे विश्व को चोका दिया ,उस लेखक सर आर्थर कॉनन डॉयल को अंतिम दिनों में एक बच्चे ने पागल बना दिया ,ये बहुत रहस्यमय इस्थ्थी में मरे थे,कभी इन्हें परिया दिखती कभी कुछ 

नायक शरलॉक होम्स के बारे में:
 जन्मदिन:
जनवरी 6, 1854
परिवार:
एक भाई, मायक्रॉफ्ट (Mycroft) होम्स
मित्र:
डॉ. जॉन एच. वाटसन
प्रेमी:
इरेनी एडलर (Irene Adler)
पता:
221B बेकर स्ट्रीट, लंदन
आदतेँ:
कुछ खेल (वह एक उम्दा बॉक्सर थे और तलवारबाजी भी अच्छी कर लेते थे), संगीत (होम्स स्वयं काफी अच्छा वॉयलिन बजा लेते थे), और तंबाकू का उपयोग करते थे


नोट: कृपया ध्यान दें कि होम्स के बारे में ऊपर दी गई संपूर्ण जानकारी कहानियों से ही प्राप्त होती है।

                         होम्स का introduction सन् 1887 में बीटन्स क्रिसमस एनुअल में प्रकाशित एक लघु उपन्यास के माध्यम से हुआ था। 1891 में द स्ट्रेंड मैगजीन में छोटी कहानियों की पहली श्रृंखला की शुरुआत के साथ ही इस चरित्र की लोकप्रियता में शानदार वृद्धि हुई; बाद में 1927 तक लघु कथाओं की श्रृंखला और उपन्यास प्रकाशित हुए। ये कथाएँ लगभग 1875 से 1914 तक की अवधि को आवृत (cover) करती है, अंतिम केस 1914 का है।
होम्स के किरदार को रचने का प्रेरणा स्त्रोत :सर डॉयल ने एक मौके पर पूछे जाने पर, स्वयं कहा था कि होम्स का चरित्र डॉ. जोसेफ बेल से प्रेरित था जिनके लिए डॉयल ने कभी लिपिक के रूप में काम किया था। होम्स की ही तरह बेल भी छोटे-छोटे निरीक्षणों से बड़े निष्कर्ष निकालने के लिए जाने जाते थे।
 अंतिम केस 1914 का है।
होम्स के किरदार को रचने का प्रेरणा स्त्रोत :सर डॉयल ने एक मौके पर पूछे जाने पर, स्वयं कहा था कि होम्स का चरित्र डॉ. जोसेफ बेल से प्रेरित था जिनके लिए डॉयल ने कभी लिपिक के रूप में काम किया था। होम्स की ही तरह बेल भी छोटे-छोटे निरीक्षणों से बड़े निष्कर्ष निकालने के लिए जाने जाते थे। 
होम्स की हेट और सिगार पहचान थी आज भी जासूसी किरदारों को ऐसे ही दिखाते हे 

  1. होम्स रूप बदलने में माहिर थे ,वो सिर्फ गेटअप ही नही बल्कि किरदार में घुस ही जाते थे 
  2. होम्स शरीर से पतले लेकिन बहुत ताकतवर थे 
  3. होम्स कभी बीस बीस दिनों तक कमरे में बंद रहकर सिर्फ नशा करते थे ,कभी सिर्फ काम 
  4. इनकी एक एक कहानी रहस्य रोमांच हे ,अगर आपने होम्स पढ़ लिया तो आप को अन्य जासूसी कहानी बोर लगेंगी /होम्स एक वैज्ञानिक भी थे ,कई प्रयोग करते रहते थे ,अपनी तारीफ सुनना इन्हें कम पसंद था ,होम्स हमेशा सिर्फ तथ्यों के पीछे जाकर निष्कर्स देते थे ,
जब भी कोई इनसे मदद मागने आता ये सिर्फ उसे देख कर उसके बारे में सब जान लेते /आदमी आश्चर्य चकित हो जाता ,लेकिन जब ये उसे कारण बताते तो बहुत छोटे ,[वैसे मेने भी कभी कभी आदमी देख उसके बारे में पता लगाने की कोशिश कई बार की हे हमेशा गलत ही रहा 
                                          शेरलॉक होम्स पर विभिन्न भाषाओं में अब तक इतनी फ़िल्में बन चुकी हैं - 
  1. 1994 बाकर स्ट्रीट : शेरलॉक होम्स रिटर्न्स, 
  2. द एडवेंचर ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  3. एडवेंचर्स ऑफ़ शेरलॉक होम्स (ऑर हेल्ड फॉर रेंसम), 
  4. द एडवेंचर ऑफ़ शेरलॉक होम्स'स स्मार्टर ब्रदर, 
  5. आर्सेन लुपिन कोंत्रा शेरलॉक होम्स (फ्रेंच), 
  6. द मास्क ऑफ़ डेथ, मर्डर बाइ डिक्री, 
  7. द प्राइवेट लाइफ ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  8. पर्सुयेट टू अल्जीयर्स, बासिल राथबोन, 
  9. द रिटर्न ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  10. अ साम्बा फॉर शेरलॉक होम्स, 
  11. द सेवन परसेंट सोल्यूशन, 
  12. शेरलॉक होम्स एंड द डेडली नेकलेस, 
  13. शेरलॉक होम्स एंड द लीडिंग लेडी, 
  14. शेरलॉक होम्स बैफल्ड, 
  15. शेरलॉक होम्स इन न्यूय़ोर्क, 
  16. शेरलॉक होम्स : अ गेम ऑफ़ शेडो, 
  17. शेरलॉक : केस ऑफ़ ईविल, 
  18. द स्ट्रेंज केस ऑफ़ द एंड ऑफ़ सिविलाइजेशन एज वी नो इट, 
  19. अ स्टडी इन टेरर, 
  20. दे माइट बी जाइंट, 
  21. टॉम एंड जेरी मीट शेरलॉक होम्स, 
  22. विथआउट अ क्लू, 
  23. यंग शेरलॉक होम्स, 
  24. द केस ऑफ़ द स्क्रीमिंग बिशप, 
  25. शेरलॉक होम्स एंड द केस ऑफ़ द सिल्क स्टॉकिंग, 
  26. द केस ऑफ़ द वाइट चैपल वैम्पायर, 
  27. द क्रूसीफायर ऑफ़ ब्लड, 
  28. ड्रेस्ड टू किल, 
  29. द ग्रेट माउस डिटेक्टिव, 
  30. इंसीडेंट एट विक्टोरिया फाल्स, 
  31. द लाइम जूस मिस्ट्री ऑर हू स्पैट इन ग्रांडफादर'स पौरिज, 
  32. द मैन हू वाज़ शेरलॉक होम्स ! 
  33. इनके अलावा 1916, 1922, 1931, 1932, 1939, 2009 और 2010 में सिर्फ 'शेरलॉक होम्स' शीर्षक से भी फ़िल्में बनीं 

Tuesday, 7 May 2019

माना मै पुराने ख्यालातों का हूँ by Nitesh chauhan


माना मै पुराने ख्यालातों का हूँ
लेकिन लड़कियों की इच्छाओं
और अधिकारों की इज्जत करता हूँ
माना समझ नही आते मुझे आजके गाने
क्योंकि मै लता,
 और किशोर दा के गानों पर मरता हूँ

हो सकता है मै चुप रहू जब मेरी मम्मी
तुम्हे बिना गलती के डांट दे,
इसलिये मै उस चुप्पी की पहले ही,
तुमसे माफी मांगता हूं
हो सकता है रोक टोक करू मै भी,
क्योंकि मै एक साथी की,
 अहमियत जानता हूँ
  
हो सकता है सुबह चाय,
की जिद्द करू मै तुमसे
लेकिन तुम्हारी शाम की
 कॉफी मै बना दिया करूँगा
हो सकता मुझे समय ना मिले
दिन भर तुम्हारे साथ वक्त बिताने का,
लेकिन रात को तुम्हारे बालो को 
सहलाते हुए लोरी मै सुना दिया करूँगा

हो सकता है हमारी बहस हो
 सलमान और शाहरुख पर,
कांग्रेस और बीजेपी पर, लेकिन इन छोटी टकरारो
की विजयिनी तुम ही रहोगी
हो सकता है मै पूजा करू देवियों की
लेकिन मेरी प्रेम यादों की देवी तुम ही बनोगी
मै मानता हूं कि मै नरम जज्बात का हूँ
क्योंकि हां मै पुराने ख्यालात का हूँ


Tuesday, 23 April 2019

Who is writer by Author Pawan Sikarwar

लेखक कौन हो सकता है या लेखक कौन बन सकता है? ऐसे सवाल अक्सर हर लेखक और पाठक के मन मे जरूर उभरता है।
लेकिन इससे पहले यह जानना शायद ज्यादा जरूरी है कि लेखक कौन है? और इसका जबाब है
- “लेखक एक शार्पित इन्सान है”
इस एक पंक्ति में शायद आपके सभी सवालों के जबाब मिल गए होंगे। लेखक एक ऐसा इंसान है जो शार्पित है क्योंकि वह हमेशा कुछ नया लिखने के लिए बेचैन रहता है और उसकी यह बेचैनी ही उसे लेखन से जोड़ती है।
अक्सर मुझसे मेरे पाठक पूछते है कि क्या लेखन के लिए साहित्यिक जीवन होना जरूरी है? और मेरा हमेशा इसपर एक ही जबाब होता है कि – “नही क्योंकि कई ऐसे महान लेखक हुए है जिनके पहले से कोई साहित्यिक जीवन से जुड़ाव नही था। ना ही उनके पिता और ना ही उनके दादा साहित्य से जुड़े हुए थे लेकिन फिर ही वह एक सफल लेखक है और यह मेरे साथ भी हुआ ना ही मेरे परिवार किसी साहित्य जीवन से जुड़ा हुआ था और ना ही मै।
लेखक हर दौर से गुजरता है चांहे फिर वो गरीबी हो, या समाज दुवारा बहिष्कार हो उसका या उसकी आलोचना। लेकिन इसी बीच एक बड़ा तबका एक लेखक को प्रेम भी देता है और सहयोग भी।
समाज और लेखक का रिश्ता ज्यादा अच्छा नही होता है जैसा कि सहादत हसन मंटो कहते है कि
“समाज अगर मेरा लिखा हुआ बर्दाश्त नही कर सकता तो इसका मतलब यह है कि यह समाज ही बर्दाश्त करने लायक नही है। मै तो एक आईना हु जिसमे समाज अपने आप को देख सके”

मेरे लिए तो लेखक ही वही है जो पहले दौर से यानी कि बहरहाल से ही समाज द्वरा बहिष्कृत कर दिया जाता है।


मै एक ऐसा लेखक हु जिसे की मौत लिखने में इतना मजा आता है जितना कि एक व्यक्ति के यंहा जब उसका वारिस पैदा होता है। मैने आधे से ज्यादा उपन्यास में सिर्फ ऐसी मौत या रहस्य के बारे में ही लिखा है जिसे आजतक में खुद नही समझ पाया हूँ। चांहे फिर डिटेक्टिव करुण नायर के सीजन हो या ब्लादिमिर एक शैतान है या कल्कि एक अर्धख़ूनी राजकुमार हो।
इसलिए लेखक एक पागल और सनकी जीव है जैसा कि शेरलॉक होम्स के लेखक कॉनन डोयल अपने आखिरी जीवन मे परियो और रहस्यमयी जीवो को देखने लगे थे। लोग भले ही ये सब कॉनन डोयल की बीमारी बताते है लेकिन मै इसे सच मानता हूं।

जब मैने पहली बार बुक्स क्लिनिक को अपना इंटरव्यू दिया था तब मैंने यह बात स्वीकारी थी कि मुझे भी मेरा किरदार डिटेक्टिव करुण नायर दिखता है। और आज भी मै इस पागलपन से जूझ रहा हूँ।
क्योकि –
“एक लेखक के अंदर अतृप्त आत्मा का वास होता है” जो की एक लेखक को अक्सर लिखने के लिए प्रेरित करती है और जब वह ऐसा नही कर पाता तो यही अतृप्त आत्मा उसे पागल बना देती है।
 लेखक की अगर आप जीवनी पढे तो वह अक्सर सामाजिक न्याय के लिए लड़ता दिखयेगा जो कि सिर्फ समाज मे एक न्यायिक बदलाव के लिए जूझ रहा होता है।

जैसा कि जावेद अख्तर लिखते है
 “ऊँची ऊंची इमारतो में मकान मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए”

कुछ लेखक की जीवनी अपनी आत्मा दुख से लड़ती नजर आती है तो कुछ की काफी खुश भी नजर आती है।
एक लेखक वैसे ही दुनिया को देखता है जैसा वह दुनिया की कल्पना करता है। मुझसे काफी लोग पूछते है कि हम लिखते तो अच्छा है लेकिन हमें नए नए विचार नही आते जिसपर हम लिख सके और इसपर मेरा जबाब सिर्फ इतना होता है कि जो ज्यादा सोता है वह इन्सान ज्यादा काल्पनिक होता है इसलिए अपनी नींद को बड़ा ले।

लेखक होने के लिए शब्दकोश का ज्ञान होना उतना ही जरूरी है जितना कि एक युद्ध मे लड़ने के लिए तलवार आज के समय लेखक हर कोई बन जाता है लेकिन वह फिर भी सफल नही हो पाता क्योकि उसके पास शब्दकोश का ज्ञान नही है।

मुझे लगता है इस लेख को पढ़ने के बाद ना सिर्फ आप मे बदलाव आएगा जबकि आप लिखने के लिए प्रेरित होंगे

मै अगले बार एक नए सवाल के साथ फिर से एक लेख लिखूंगा जो कि होगा सफलता क्या है?

“कृपया लिखने के लिए ना लिखे – लेखक पवन सिंह सिकरवार

Monday, 1 April 2019

Motivation 2019 Quote by Pawan Sikarwar

क़लम को बनाया हमसफ़र,
तो सफर भी मुझे भा गया
बन गहरा बादल मै,
आसमान में जाकर छा गया
छल, कपट, जलन और गुस्से को,
मारदी ठोकर मेने
अपने लफ्ज़ो से देखो,
मै सूरज को भी खा गया

लेखक पवन सिकरवार
Copyright reserve ©


Tuesday, 19 March 2019

प्रेम कहानी wrote by Author Pawan Singh

चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै
कॉलेज में देखी थी एक लड़की अनजानी मैं

उसका बचपन शरारती और नज़ाकत थी जवानी में
पता नही और कितनी खूबियां थी उस रानी में
बालो का खुला रहना और आंखों में हल्का काजल था
उसका वो मुस्कराता चेहरा जिंदा है मेरी यादगानी में
चलो आज सुनता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

धर्म अलग था कर्म अलग था
थोड़ा सा वो यार अलग था
प्यार तो सब करते है लेकिन
उसका मेरा प्यार अलग था
कॉलेज में घूमना उसके साथ
कैंटीन वाला वो अचार अलग था
असलियत बता रहा हु तूमको अपनी जुबानी में
चलो आज सुनता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

थोड़ी सी खुशी और थोड़ा सा अब गम है
दारू की तरह चढ़ती सिरपर वो रम है
बाते घण्टों करती थी लेकिन बाते फिर भी कम है
इश्क है उसे आज भी मुझसे
बस यही मेरा वहम है
उसकी यादों की खुशबू लगती सुहानी में
चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

कॉलेज में मिली और कॉलेज में ही छोड़ दिया
रिश्ते के रास्ते को यूँही उसने मोड़ दिया
प्यार का वो वादा, उसने वादे को ही तोड़ दिया
मैने भी इस ब्रेकअप पर काफी भइया जोर दिया
तब समझा कि वो खोई है सूफ़ियानी में
चलो आज सुनाता हूं अपनी प्रेम कहानी मै

वो चली गई लेकिन,
मुझे मेरी क़लम ने संभाला है
उसने फिर,

एक परिंदे को फसाने के लिए जाल डाला है
अब उस कॉलेज की चाट कोर्नर में,
लगा देखो ताला है
प्यार इश्क मोहब्ब्त की गलतफहमी को,
मैने भी तो पाला है
मै भी डूबा था उसकी जिशमानी में
चलो आज सुनाता हूँ अपनी प्रेम कहानी में







ब्लॉगिंग से पैसा कैसे कमाए

ब्लॉगिंग का मतलब क्या है? अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव को एक वेबसाइट का रूप दे देना इसमें आप जिस काम मे अच्छे है वो कर सकते है जैसे की अगर ...