वो लड़की
जो मेरी परिभाषा में नही बंधी
ख्यालात पंछियों की तरह है उसके
हसीन नही है वो
श्यामली रंग की हसीना देखी है क्या कभी
वो लड़की.....
वो लड़की
जो अनमोल अंगूठी है
या उसमे लगा नगीना कोई
छोटे बाल, प्यारी मुस्कान
और मृगनयनी सी हसीना कोई
वो लड़की
जो समझने लगी है मुझे मुझसे ज्यादा आजकल
क्या देखी है किसी ने ऐसी हसीना कोई
वो लड़की.......
वो लड़की
जो मेरी हर बात को
बड़ी ध्यान से सुनती है
जो सब मे अच्छाई ढूंढती है
जिसे नाचना घूमना
अलग संस्कृति में जुड़ना पसंद है
वो लड़की
जिसे हर बात पर
अरे बाबा कहना पसंद है
तो लगता है जैसे मेरा दिल धड़कने लगा हो
मानो जैसे चाँद भी आसमान में सरकने लगा हो
क्या देखी है किसी ने
ऐसी लड़की कोई
वो लड़की
Wrote by Author
Pawan Singh Sikarwar
जो मेरी परिभाषा में नही बंधी
ख्यालात पंछियों की तरह है उसके
हसीन नही है वो
श्यामली रंग की हसीना देखी है क्या कभी
वो लड़की.....
वो लड़की
जो अनमोल अंगूठी है
या उसमे लगा नगीना कोई
छोटे बाल, प्यारी मुस्कान
और मृगनयनी सी हसीना कोई
वो लड़की
जो समझने लगी है मुझे मुझसे ज्यादा आजकल
क्या देखी है किसी ने ऐसी हसीना कोई
वो लड़की.......
वो लड़की
जो मेरी हर बात को
बड़ी ध्यान से सुनती है
जो सब मे अच्छाई ढूंढती है
जिसे नाचना घूमना
अलग संस्कृति में जुड़ना पसंद है
वो लड़की
जिसे हर बात पर
अरे बाबा कहना पसंद है
तो लगता है जैसे मेरा दिल धड़कने लगा हो
मानो जैसे चाँद भी आसमान में सरकने लगा हो
क्या देखी है किसी ने
ऐसी लड़की कोई
वो लड़की
Wrote by Author
Pawan Singh Sikarwar
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