Thursday, 3 May 2018

कविता - स्याही wrote by Author Pawan Singh

कविता – आज कल वो स्याही किसी दुकान में नही मिलती।

- ऑथर पवन सिंह -

जिसने सीता राम का नाम लिखा
रावण का स्वभिमान लिखा
लिखी जिसने कृष्ण लीला
कर्ण का बलिदान लिखा
जिसने वेदो का ज्ञान लिखा
आध्यत्म और विज्ञान लिखा
लिखा जिसने कृष्ण की उदारता
उसने अर्जुन का बाण लिखा
अब उस सत्यवादी हरिश्चंद्र की सच्चाई नही मिलती
आज कल वो स्याही किसी दुकान में नही मिलती

जिसने गांधी का स्वदेश लिखा
गीता का उपदेश लिखा
लिखा राधा का प्रेम जिसने
उसने महादेव महेश लिखा
जिसने अल्लाह और भगवान लिखा
उसने ये इंसान लिखा
लिखा चन्द्रगुप्त हथियार जिसने
उसने ही पोरस महान लिखा
अब उस खुदा की खुदाई नही मिलती
आज कल वो स्याही किसी दुकान में नही मिलती


जिसने गौतम बुद्ध लिखा
हल्दीघाटी का युद्ध लिखा
लिखी जिसने वीरो की गाथा
उसने महाराणा रुद्र लिखा
जिसने टीपू सुल्तान लिखा
झांसी का सम्मान लिखा
लिखा जिसने भगत का कलाम
उसने सुभाष का मान लिखा
अब इन वीरो की परछाई नही मिलती
आज कल वो स्याही किसी दुकान में नही मिलती

जिसने दिनकर का राष्ट्रवाद लिखा
निराला का संवाद लिखा
लिखा जिसने कुमार के विश्वास को
उसने मुंशी का अपवाद लिखा
जिसने भारत का सविंधान लिखा
ऐतिहासिक परवान लिखा
लिखी जिन्होंने भारत को
उसने द्रोपदी का अपमान लिखा
अब उस लहज़े में अदब की रुस्वाई नही मिलती
आज कल वो स्याही किसी दुकान में नही मिलती


Copyright By ©
Author Pawan Singh

No comments:

Post a Comment

ब्लॉगिंग से पैसा कैसे कमाए

ब्लॉगिंग का मतलब क्या है? अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव को एक वेबसाइट का रूप दे देना इसमें आप जिस काम मे अच्छे है वो कर सकते है जैसे की अगर ...